Thursday 4 July 2013

हिन्दू धर्मं के 7 प्रमुख तीर्थ स्थान

यूं तो हिन्दू धर्म के सैकड़ों तीर्थ स्थल है, लेकिन हम आपको बताना चाहते हैं कि उनमें से भी कुछ ऐसे तीर्थ स्थल हैं जो उन सैंकड़ों में शीर्ष पर है। यहां जाना सचमुच ही तीर्थ स्थल पर जाना माना जाता है। यह पुण्य स्थल है। आओ, जानते हैं कि कौंन-कौंन से तीर्थ स्थल है।

1.ब्रह्मा की नगरी पुष्कर: राजस्थान के अजमेर से उत्तर-पश्चिम में करीब 11 किलोमीटर दूर ब्रह्मा की यज्ञस्थली और ऋषियों की तपस्यास्थली तीर्थराज पुष्कर नाग पहाड़ के बीच बसा हुआ है। यहां ब्रह्माजी का विश्व का एक मात्र मंदिर है। मंदिर के पीछे रत्नागिरि पहाड़ पर ब्रह्माजी की प्रथम पत्नी सावित्री का मंदिर है। यज्ञ में शामिल नहीं किए जाने से कुपित होकर सावित्री ने केवल पुष्कर में ब्रह्माजी की पूजा किए जाने का शाप दिया था।

2. विष्णु की नगरी बद्रीनाथ : हिन्दुओं के चार धामों में से एक बद्रीनाथ धाम भगवान विष्णु का निवास स्थल है। यह भारत के उत्तरांचल राज्य में अलकनंदा नदी के बाएं तट पर नर और नारायण नामक दो पर्वत श्रेणियों के बीच स्थित है। गंगा नदी की मुख्य धारा के किनारे बसा यह तीर्थस्थल हिमालय में समुद्र तल से 3,050 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।



3.कैलाश मानसरोवर : मानसरोवर वह पवित्र जगह है, जिसे शिव का धाम माना जाता है। मानसरोवर के पास स्थित कैलाश पर्वत पर भगवान शिव साक्षात विराजमान हैं। यह धरती का केंद्र है। यह हिन्दुओं के लिए मक्का की तरह है।



4. काशी विश्वनाथ : उत्तरप्रदेश में गंगा नदी के पश्चिमी तट पर स्थित वाराणसी नगर विश्व के प्राचीनतम शहरों में से एक माना जाता है। इस नगर के हृदय में बसा है भगवान काशी विश्वनाथ का मंदिर जो शिव के प्रमुख ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि जब पृथ्वी का निर्माण हुआ था तब प्रकाश की पहली किरण काशी की धरती पर पड़ी थी। तभी से काशी ज्ञान तथा आध्यात्म का केंद्र माना जाता है।


5. श्रीराम की अयोध्या : भगवान राम की नगरी अयोध्या हजारों महापुरुषों की कर्मभूमि रही है। यह पवित्रभूमि हिन्दुओं के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। यहां पर भगवान राम का जन्म हुआ था। यह राम जन्मभूमि है।
6. कृष्ण की नगरी : हिन्दुओं के लिए मदीना की तरह है मथुरा। श्रीकृष्ण का जन्म मथुरा के कारागार में हुआ था। मथुरा यमुना नदी के तट पर बसा एक सुंदर शहर है। मथुरा जिला उत्तरप्रदेश की पश्चिमी सीमा पर स्थित है। मथुरा जिले में चार तहसीलें हैं- मांट, छाता, महावन और मथुरा तथा 10 विकास खण्ड हैं- नन्दगांव, छाता, चौमुहां, गोवर्धन, मथुरा, फरह, नौहझील, मांट, राया और बल्देव हैं।

7. बुद्ध की नगरी : वैशाख माह की पूर्णिमा के दिन बुद्ध का जन्म नेपाल के लुम्बिनी में ईसा पूर्व 563 को हुआ। इसी दिन 528 ईसा पूर्व उन्होंने भारत के बोधगया में सत्य को जाना और इसी दिन वे 483 ईसा पूर्व को 80 वर्ष की उम्र में भारत के कुशीनगर में निर्वाण (मृत्यु) को उपलब्ध हुए। यह तीनों ही स्थान हिन्दू और बौद्ध के लिए महत्वपूर्ण तीर्थ है।

Wednesday 3 July 2013

तेजेन्द्र खन्ना जी जगह जनाब नजीब जंग

नई दिल्ली। दिल्ली की आवाम लम्बे समय तक दिल्ली के दो बार उपराज्यपाल रहे तेजेन्द्र खन्ना को उनके प्रशासनिक फैसले लेने के बेहद कड़े अंदाज के लिए याद करता रहेगा। तेजेन्द्र खन्ना केन्द्र व प्रदेश में कांग्रेस की सरकार रहने के बावजूद दिल्ली की मुख्यमंत्री की कई बातों पर प्रशासनिक दृष्टि से निर्णय लिया, जिस कारण मुख्यमंत्री शीला दीक्षित से उनके सम्बन्धों में खट्टास की बातें मीडिया की सुर्खियों में रही। चर्चा है कि दिल्ली विधानसभा  चुनाव की आहट व लम्बे समय से मुख्यमंत्री शीला दीक्षित व उनके बीच का छतीस का आंकड़ा इस बदलाव का मुख्य कारण हो सकता है चर्चा यहां तक हो रही है कि ढ़ाई वर्ष पहले श्री खन्ना की जगह किसी अन्य को दिल्ली का उपराज्यपाल बनाने की कवायद शुरू हो गई थी, जिसका पटाक्षेप सोमवार को राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के हस्ताक्षर के साथ हो गया। तेजेन्द्र खन्ना की जगह जनाब नजीम जंग को दिल्ली का नया उपराज्यपाल बनाया गया है। जनाब नजीम जंग जामिया मिलिया इस्लामिया के कुलपति के पद पर आसीन थे और उनका कार्यकाल सितम्बर 2014 तक था।
नव नियुक्त उपराज्यपाल जनाब नजीब जंग दिल्ली के 20वें उपराज्यपाल बनाये गये हैं। राजधनी दिल्ली के दरियागंज क्षेत्रा में उनका जन्म 18 जनवरी 1951 में हुआ था। 62 वर्षीय जनाब नजीब जंग की प्रारम्भिक शिक्षा सेंट कोलम्बस स्कूल में हुई। सेंट स्टीपफेंस कालेज  से स्नात्तक व इतिहास में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त किया। लंदन से सोशल पोलिसी  में एमएससी की और वर्तमान में आक्सपफोर्ड विश्वविद्यालय से ऊर्जा अर्थशास्त्रा में शोध् कर रहे हैं।
1973 में जनाब नजीब जंग भारतीय प्रशासनिक सेवा के लिए चयनित हुए थे। मध्य प्रदेश कैडर के आई.ए.एस. अधिकारी  के रूप में उन्होंने अपना कैरियर शुरू किया। मध्य प्रदेश के कई प्रशासनिक पदों पर रहने के बाद केन्द्र में पेट्रोलियम मंत्रालय में संयुक्त सचिव पद से 1993 में सेवानिवृत्ति ले ली।
जनाब नजीब जंग प्रारम्भ से पठन-पाठन में लगे रहे और कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय पत्र- पत्रिकाओं के लिए लिखते रहे। जब वे रेलवे मंत्रालय में थे। उस वक्त दूरदर्शन पर अंग्रेजी समाचार पढ़ते पुराने कई लोगों ने उन्हें अवश्य देखा होगा। अभिनय व लेखन की शौक के बीच वर्ष 2009 सितम्बर में उन्हें जामिया मिलिया इस्लामिया का कुलपति नियुक्त किया गया और 1 जुलाई 2013 को राष्ट्रपति के अधिसूचना के साथ वे दिल्ली के 20वें उपराज्यपाल बन चुके हैं।
तेजेन्द्र खन्ना को 1996 में आई.ए.एस. से सेवानिवृत्त होते 31 दिसम्बर 1996 को दिल्ली का उपराज्यपाल बनाया गया था और वे इस पद पर 19 अप्रैल 1998 तक रहे। जब केन्द्र में पुनः कांग्रेस की सरकार आई तो 9 अप्रैल 2007 को पुनः तेजेन्द्र खन्ना को दिल्ली का उपराज्यपाल बनाया गया । छः वर्षों से लगातार तेजेन्द्र खन्ना दिल्ली के उपराज्यपाल के रूप में अपनी सेवा दे रहे थे, अब उनकी जगह जनाब नजीब जंग को मिला है और दल्ली की आवाम नवनियुक्त  उपराज्यपाल से उम्मीद करती है कि वे दिल्ली की छवि को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाने का करिश्मा वह अवश्य करेंगे।